Basic Shiksha Vibhag ( बेसिक शिक्षा विभाग )

सहायक शिक्षक भर्ती मामले में अभ्यर्थियों को मिली राहत

सहायक शिक्षक भर्ती मामले में अभ्यर्थियों को मिली राहत

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लखनऊ,13 नवम्बर। 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में बाल मनोविज्ञान में परिभाषा वाले एक प्रश्न के सभी विकल्प गलत थे लेकिन सरकार ने गलत विकल्पों में से एक विकल्प को सही माना था लेकिन अभ्यर्थी सरकार द्वारा प्रश्न पत्र में बताए गए विकल्प से खुश नहीं थे और असंतुष्ट अभ्यर्थियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चैलेंज किया तथा इलाहाबाद डबल बेंच ने भी 25 अगस्त 2021को दिए गए अपने आदेश में इस प्रश्न पर सभी विकल्प को गलत मानते हुए इस प्रश्न को हल करने वाले सभी याचियों को याची लाभ दिया लेकिन सरकार इलाहाबाद डबल बेंच के आदेश से असंतुष्ट हुई और सरकार ने इलाहाबाद डबल बेंच के आर्डर को 7 अप्रैल 2022 को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया।

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जहां लगभग 7 महीने के आस-पास चली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2022 को हुई अंतिम सुनवाई में 25 अगस्त 2021 के इलाहाबाद डबल बेंच के आर्डर को सही माना तथा सरकार की याचिका पूरी तरह से खारिज कर दी। पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप व संरक्षक भास्कर सिंह यादव का कहना है कि सरकार अब 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में विवाद का केंद्र बने आरक्षण घोटाले के मुद्दे को भी जल्द से जल्द हल कर आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों के साथ न्याय करें। 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत की जगह 3.80 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ एससी वर्ग को 21 फीसद की जगह 16.2 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है जो पूरी तरह से गलत है। इस तरह सरकार ने इस भर्ती प्रक्रिया में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का उल्लंघन पर संविधान का उल्लंघन किया है जो पूरी तरह से गलत है यह नहीं होना चाहिए था वहीं दूसरी तरफ हर भर्ती की एक मूल चयन सूची बनाई जाती है लेकिन सरकार ने इस भर्ती की मूल चयन सूची ना बनाकर इस भर्ती को जिला आवंटन सूची पर संपन्न कर दिया जिसमे अभ्यर्थियों के गुणांक, कैटेगरी तथा सब-कैटेगरी को छुपा लिया जो पूरी तरह से गलत है और इस प्रकार ऐसा करके सरकार ने अनारक्षित वर्ग के 19000 हजार अभ्यर्थी इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल कर लिए जो इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं होने चाहिए थे पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप एवं संरक्षक भास्कर सिंह यादव ने कहा कि 14 नवंबर को लखनऊ हाई कोर्ट में इस भर्ती में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले को लेकर सुनवाई है। ऐसी स्थिति में सरकार हाई कोर्ट में अपना पक्ष रखकर आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को न्याय देने का कार्य करें, जिससे हाईकोर्ट में लड़ रहे अभ्यर्थियों को न्याय मिल सकें।

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