Basic Shiksha Vibhag ( बेसिक शिक्षा विभाग )

अब स्कूल के सभी खर्चे का बिल पोर्टल पर करना होगा अपलोड

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Newly Smc members data feeding on prerna portal || प्रेरणा पोर्टल पर विद्यालय प्रबंध समिति का डाटा||

🥎🥎 *प्रेरणा डी बी टी एप पर स्टूडेंट्स का ड्रेस फ़ोटो अपलोड करने का तरीका देखें*

 *|| Prerna Dbt App Student Dress Photo Upload Process || प्रेरणा डीबीटी ऐप फ़ोटो अपलोड ||*

🥎🥎 *गतिविधियों पर आधारित शिक्षण विज्ञान चालीसा*

मऊ। जिले के परिषदीय विद्यालयों के कंपोजिट ग्रांट में फर्जीवाड़ा करना प्रधानाध्यापकों के लिए आसान नहीं होगा। शासन ने इसके खर्च करने के नियम में बदलाव किया है। यह धनराशि खर्च करने से पहले प्रधानाध्यापक को कार्ययोजना बनानी होगी। जीएसटी बिल पोर्टल पर अपलोड करना होगा। उसके बाद अधिकारियों की संस्तुति के बाद यह धनराशि दुकानदार के बैंक खाते में सीधे भेजी जाएगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किया है।

जिले में 1208 परिषदीय विद्यालय हैं। जिले के परिषदीय स्कूलों के रखरखाव और रंगाई-पुताई सहित अन्य कार्य के लिए प्रत्येक वर्ष शासन से प्रबंध समितियों के खाते में तय धनराशि भेजी जाती है। अधिकांश विद्यालयों के प्रधानाध्यापक यह धनराशि मनमाने तरीके से निकालकर खर्च करते हैं। समय सीमा के बाद भी खर्च करते हैं। इससे स्कूलों की दशा जीर्ण-शीर्ण बनी रह जाती है। प्रधानाध्यापकों की मनमानी पर रोक के लिए शासन ने यह धनराशि खर्च करने का नियम संशोधित कर ऑनलाइन कर दिया है। जिसके चलते कंपोजिट ग्रांट खर्च करने से पहले प्रधानाध्यापक को मद बताना होगा। इसके बाद मद की कार्ययोजना तैयार कर किसी दुकानदार से जीएसटी बिल लेकर पोर्टल पर अपलोड करना होगा। कार्ययोजना की संस्तुति के बाद प्रधानाध्यापक के मोबाइल पर ओटीपी मिलेगा। इसी ओटीपी से संबंधित दुकानदार के बैंक खाते में कार्ययोजना तैयार कर किसी दुकानदार से जीएसटी बिल लेकर पोर्टल पर अपलोड करना होगा। तब जाकर कहीं भुगतान हो सकेगा, जिसके चलते कंपोजिट ग्रांट में फर्जीवाड़े में भी रोका लगाई जा सकेगी।

Basic education department

जिले के परिषदीय विद्यालयों को मिलने वाली कंपोजिट ग्रांट के मामले में शासन की तरफ से जारी निर्देश में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि विद्यालय में कराए जा रहे कार्यों का प्रचार-प्रसार भी कराना होगा। साथ ही साथ परिषदीय स्कूलों की दीवार पर कंपोजिट ग्रांट राशि खर्च करने का ब्योरा भी लिखवाना होगा। इसी तरह परिषदीय स्कूलों की विद्यालयों पर पिछले तीन वर्षों का पूरा हिसाब किताब स्कूलों की दीवारों पर लिखवाना होगा।

परिषदीय विद्यालयों के कंपोजिट ग्रांट की धनराशि के खर्च का ब्यौरा पोर्टल पर अपलोड करना होगा। वित्तीय वर्ष में धनराशि खर्च न करने की स्थिति मेें बजट शून्य हो जाएगा।

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