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यूपी में निजी स्कूल खोलने के लिए नए मानक व शर्तें तय, शासन ने नए प्रस्ताव को दी मंजूरी

यूपी में निजी स्कूल खोलने के लिए नए मानक व शर्तें तय, शासन ने नए प्रस्ताव को दी मंजूरी

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त्तर प्रदेश में निजी स्कूल खोलने अब नए मानकों व शर्तों के हिसाब से खुलेंगे. शासन की मंजूरी के बाद शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल संचालन अब आसान नहीं होगा. विद्यालय खोलने के लिए जमीन की requirement सीमा भी बढ़ा दी गई है.

high school intermediate school accreditation requirement

साथ ही कई अन्य सुविधाएं जुटानी अनिवार्य होंगी.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अब छोटे-छोटे भवनों में स्कूल खोलना आसान नहीं होगा. प्रदेश में खुलने वाले फर्जी स्कूलों को रोकने के लिए शासन ने प्रस्तावित नए मानकों व शर्तों को मंजूरी दे दी है. इसके तहत अब शहरी क्षेत्र में विद्यालय खोलने के लिए 3000 वर्ग मीटर भूमि जरूरी होगी. इससे पहले यह मानक 650 वर्ग मीटर था. इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में 6000 वर्ग मीटर जमीन का मानक बनाया गया है. इससे पहले वहां 2000 वर्ग मीटर का मानक था. इसके अलावा स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर क्लास व अत्याधुनिक संसाधन समेत कई शर्तें जोड़ दी गई हैं.

प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार (Principal Secretary Secondary Education Deepak Kumar) की ओर से जारी आदेश में यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) के तहत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए किया जा रहा है. वित्तविहीन विद्यालयों को मान्यता देने के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद के नियमों (Board of Secondary Education Rules) में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है. शासन में परिषद के सभापति व सचिव को निर्देश दिया है कि इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 की धारा-16 (2) व्यवस्था के अनुसार मानकों व शर्तों की अधिसूचना गजट में प्रकाशित की जाए. वहीं विद्यालय की मान्यता के लिए हाईस्कूल के अनिवार्य शर्तें पूरी करने के बाद इंटरमीडिएट के संचालन के लिए कुछ शर्तें भी पूरी करनी होंगी. इसके तहत 2 लाख रुपये जमानत व सुरक्षित कोष उसके लिए 1 लाख रुपये अतिरिक्त जमा करने होंगे.

हाईस्कूल की मान्यता के लिए नई शर्तें (high school accreditation requirements) : ऑडियो वीडियो प्रोजेक्टर, बड़ी स्क्रीन की एलईडी टीवी की व्यवस्था स्मार्ट क्लास में व कंप्यूटर कक्षा में 25 कंप्यूटर की व्यवस्था करना होगा. नगर क्षेत्र में 3000 वर्ग मीटर जमीन विद्यालय के लिए 1000 वर्ग मीटर प्ले ग्राउंड. ग्रामीण क्षेत्र में 6000 वर्ग मीटर जमीन व 2000 वर्ग मीटर का प्ले ग्राउंड अनिवार्य होगा. साथ ही प्ले ग्राउंड में एथलेटिक्स, कबड्डी, कुश्ती, खो-खो, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, बैडमिंटन, लॉन टेनिस, ओपन जिम, के साथ इंडोर गेम्स की व्यवस्था करनी होगी.

पुस्तकालय में वृहद पाठ सामग्री रखनी होगी, शिक्षण सामग्री के विस्तृत व्यवस्था होगी. संस्था में शिक्षक, कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए बायोमीट्रिक मशीन, वॉइस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी कैमरा, डीवीआर, हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन, वाईफाई के साथ विद्यालय की वेबसाइट जरूरी होगी. इसके अलावा विद्यालय भवन को सुरक्षा मानकों पर हों, वहां बिजली सौर ऊर्जा के साथ ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग व जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी. जमानत कोष के रूप में 5 लाख रुपये केवल विद्यालय के नाम जमा व निरीक्षण अधिकारी के पद नाम में बंधक होंगे. अभी तक यह राशि 15 हजार रुपये निर्धारित थी. सुरक्षित कोष में डेढ़ लाख रुपये जमा करने होंगे, जबकि पहले मात्र ₹3000 अनिवार्य था.

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