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सीएम योगी का बड़ा फैसला: अब यूपी में बेसिक, माध्यमिक, उच्च और तकनीकी कॉलेजों में शिक्षक भर्ती एक ही आयोग से

सीएम योगी का बड़ा फैसला: अब यूपी में बेसिक, माध्यमिक, उच्च और तकनीकी कॉलेजों में शिक्षक भर्ती एक ही आयोग से

सीएम योगी ने मंगलवार को प्रदेश में शैक्षिक संस्थानों में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा की। इस दौरान सीएम योगी ने  ‘उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग’ के गठन के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। योगी ने कहा कि विगत पांच-साढ़े पांच वर्ष की अवधि में प्रदेश में संचालित विभिन्न चयन आयोगों की कार्यप्रणाली में शासन स्तर से अनावश्यक हस्तक्षेप न होने से आयोगों की कार्यप्रणाली में शुचिता और पारदर्शिता आई है। मेरिट के आधार पर योग्य अभ्यर्थियों का चयन हो रहा है। प्रदेश में आए इस बदलाव का सीधा लाभ युवाओं को मिल रहा है।

Single commision for all types teachers vacancy

उन्होंने कहा कि प्रदेश के बेसिक, माध्यमिक, उच्च और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में योग्य शिक्षकों के चयन के लिए अलग-अलग प्राधिकारी, बोर्ड व आयोग संचालित हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग और उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग के अलावा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से भी चयन की व्यवस्था लागू है। नीतिगत सुधारों के क्रम में भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए शिक्षक चयन आयोगों को एकीकृत स्वरूप दिया जाना उचित होगा। शिक्षक चयन आयोगों को एकीकृत स्वरूप देते हुए निगमित निकाय के रूप में ‘उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन किया जाना चाहिए। शिक्षकों के समयबद्ध चयन, मानव संसाधन का बेहतर उपयोग और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने में आयोग उपयोगी सिद्ध होगा।

 उत्तर प्रदेश शिक्षा चयन आयोग को एक स्वायत्तशाषी निगमित निकाय का स्वरूप दिया जाना चाहिए। आयोग द्वारा बेसिक, माध्यमिक अथवा उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्यापकों की सीधी भर्ती के सम्बंध में मार्गदर्शी सिद्धांत किया जाएगा। अध्यापकों की नियुक्ति के संबंध में चयन परीक्षा, साक्षात्कार आदि के माध्यम से चयन की प्रक्रिया पूरी करते हुए अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए नियुक्ति प्राधिकारी को संस्तुति की जाएगी। उक्त बिंदुओं के अनुरूप नए आयोग के स्वरूप, अध्यक्ष व सदस्यों की अर्हता, आयोग की शक्तियों और कार्यों के संबंध में रूपरेखा तय करते हुए आवश्यक प्रस्ताव तैयार किया जाए।

सीएम योगी ने कहा कि  प्रदेश 60, 70, 80 वर्ष अथवा और अधिक पुराने बहुत से माध्यमिक विद्यालय हैं। प्रदेश के शैक्षिक माहौल को समृद्ध करने में इन संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राज्य सरकार से सहायता प्राप्त इन माध्यमिक विद्यालयों में आज अवस्थापना सुविधाओं के विकास की आवश्यकता है। ऐसे में शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों के व्यापक हित को देखते हुए प्रबंध तंत्र की अपेक्षाओं और आवश्यकताओं ध्यान रखते हुए इन विद्यालयों के लिए एक बेहतर कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत किया जाए। प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन भी इसी नए आयोग के माध्यम से किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि टीईटी समय पर हो। 

संस्कृत विद्यालयों का उन्नयन राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। संस्कृत विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ-साथ अध्ययनरत विद्यार्थियों के प्रोत्साहन के लिए छात्रवृत्ति भी दी जानी चाहिए। इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर यथाशीघ्र प्रस्तुत करें।

📄उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन

Constitution of Uttar Pradesh Education Service Selection Commission

🔹उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की प्रकियाधीन कार्यवाही नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को ट्रांसफर की जायेगी।

🔸शिक्षकों के समयबद्ध चयन के लिए सरकार गंभीर, जल्द होगा उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन-CM

🔸उत्तर प्रदेश में एक ही आयोग से होगा बेसिक, माध्यमिक, उच्च और तकनीकी कॉलेजों में शिक्षकों का चयन

🔹एकीकृत आयोग के लिए मुख्यमंत्री ने दिए दिशा-निर्देश,नया आयोग ही कराएगा टीईटी की परीक्षा

🔹संस्कृत विद्यालय के विद्यार्थियों को मिलेगी छात्रवृत्ति,CM ने मांगा विभाग से प्रस्ताव,

🔹मुख्यमंत्री का निर्देश,सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के जीर्णोद्धार के लिए तैयार करें कार्ययोजना !!

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