मैटरनिटी और चाइल्ड केयर लीव के लिए क्यों कर रहे परेशान? बिना कारण छुट्टियां रद्द करने पर 20 बीएसए से जवाब तलब

मैटरनिटी और चाइल्ड केयर लीव के लिए क्यों कर रहे परेशान? बिना कारण छुट्टियां रद्द करने पर 20 बीएसए से जवाब तलब
यूपी में मैटरनिटी और चाइल्ड केयर लीव देने के नाम पर बेसिक शिक्षा परिषद के परिषदीय स्कूलों में तैनात शिक्षिकाओं का उत्पीड़न रुक नहीं रहा। उच्च स्तर से स्पष्ट निर्देशों के बावजूद अब भी उन्हें मातृत्व अवकाश और बाल्य देखरेख अवकाश के लिए परेशान किया जा रहा है।

Childcare and maternity leave approval
ऐसे 20 जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है कि उन्होंने बिना किसी वाजिब कारण के शिक्षिकाओं की छुट्टियां निरस्त क्यों कर दीं? महानिदेशक विजय किरन आनंद ने 5 जनवरी तक जवाब तलब किया है।
उन्होंने कहा है कि छुट्टियों के निरस्तीकरण का जो कारण मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज किया गया है, वह निरर्थक है। इससे साफ हो रहा है कि छुट्टियों के निस्तारण में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है।
शिक्षिकाओं को 180 दिनों का मातृत्व अवकाश देय है। वहीं दो बच्चों के लिए 18 वर्ष का होने तक दो वर्ष का बाल्य देखभाल अवकाश मिलता है। मानव संपदा पोर्टल लागू होने के पहले तक शिक्षिकाओं को इन अवकाशों को लेना टेढ़ी खीर थी। इन अवकाशों को देने के लिए बीसए व बीईओ कार्यालय के खूब चक्कर काटने पड़ते थे। वहीं ज्यादातर जिलों में बिना सुविधा शुल्क दिए छुट्टियां मंजूर ही नहीं होती थी। इन प्रकरणों स्पष्ट हो रहा है कि ऑनलाइन होने के बाद भी ऑफलाइन सेटिंग का खेल जारी है।
लेकिन अब एक निश्चित समयावधि में पोर्टल पर इन अवकाशों के निस्तारण करने की बाध्यता है। बदायूं, बाराबंकी, बस्ती, बहराइच, चित्रकूट, देवरिया, फतेहपुर, हरदोई, हाथरस, झांसी, कानपुर नगर, कौशाम्बी, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, प्रयागराज, रायबरेली, रामपुर, सहारनपुर, शाहजहांपुर व सीतापुर के बीएसए से जवाब तलब किया गया है।
हिन्दुस्तान ई-समाचार पत्र
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