Teachers Association ने कहा, शिक्षकों के वेतन को बायोमेट्रिक से जोड़ना अपमान करना

Teachers Association ने कहा, शिक्षकों के वेतन को बायोमेट्रिक से जोड़ना अपमान करना
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राजधानी में टीचर्स क्लब में आम सभा बैठक आयोजित की गई. बैठक में लविवि के शिक्षकों (Lucknow University Teachers Association) ने कड़ा विरोध जताया. शिक्षकों का कहना था कि विश्वविद्यालयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति को समाप्त किया जाए.

Lucknow University Teachers Association
लखनऊ : लविवि शिक्षक संघ (लूटा) की ओर से टीचर्स क्लब में आम सभा बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक शामिल हुए. बैठक में सभी शिक्षकों ने विश्वविद्यालयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति को शिक्षकों के वेतन से जोड़ने का कड़ा विरोध किया. बैठक में शिक्षकों की आम राय थी कि उनका वेतन बायोमेट्रिक से जोड़ना शिक्षकों का अपमान करना है. सभी शिक्षकों ने एक मत से बायोमेट्रिक उपस्थिति को समाप्त करने की मांग की. आम सभा में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति (62) वर्ष से 65 वर्ष किए जाने के संबंध में उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ द्वारा पारित आदेश जल्द से जल्द लागू करने की मांग की गई. बैठक में तय हुआ कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन इस आदेश को नहीं मानता है तो लूटा आगे आंदोलन की रणनीति तैयार करेगा.
अध्यक्ष लूटा डॉ. विनीत वर्मा ने बताया कि ‘लूटा की आम सभा में कई वरिष्ठ शिक्षकों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया.’ कई शिक्षकों का कहना था कि ‘विश्वविद्यालय नैक से ए प्लस प्लस ग्रेड मिल चुका है, पर विश्वविद्यालय में शिक्षकों के पास शोध के लिए पर्याप्त उपकरण व कमरे तक नहीं हैं. यहां तक कि विश्वविद्यालय परिनियमावली के अनुसार सभी शिक्षकों को शोध कार्य के लिए सीड मनी तक नहीं मिल रही है. शिक्षकों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से जल्द से जल्द इसे मुहैया कराने की मांग की. बैठक के दौरान कई शिक्षकों ने कहा कि ‘शिक्षक विश्वविद्यालय में अपने-अपने विभागों में न्यूनतम 6 से 7 घंटे की अवधि तक कार्य करते हैं, लेकिन हिंदी सहित कई विभागों में मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है, यहां तक कि शौचालय के प्रयोग करने के लिए शिक्षकों को दूसरे विभागों में जाना पड़ता है. कई विभाग ऐसे हैं जहां पर पीने के साफ पानी तथा शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है. इसके अतिरिक्त कई विभाग ऐसे हैं जहां महिलाओं के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था नहीं है. विवश होकर पुरुष एवं महिला शिक्षक तथा विद्यार्थी सभी एक ही शौचालय का प्रयोग करते हैं. जिससे शिक्षकों विशेषकर महिला शिक्षकों को असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है.
आम सभा की बैठक में शिक्षकों ने प्रमोशन का मुद्दा भी उठाया. शिक्षकों का कहना था कि ‘विश्वविद्यालय परिनियमावली के अनुसार, आवेदन करने के 6 माह के अंदर प्रमोशन की प्रक्रिया पूर्ण किए जाने का प्रावधान है, लेकिन विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में शिक्षकों के प्रमोशन लंबित हैं. इसे जल्द से जल्द विश्वविद्यालय परिनियमवाली की व्यवस्था के अनुसार, प्रोन्नति की प्रक्रिया संपन्न की जाए. इसके अलावा बैठक में जिन विभागों में शिक्षकों की प्रोन्नति की चयन समितियां संपन्न हो चुकी हैं उनका परिणाम लगभग ढाई माह से घोषित ना किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है.’ साथ ही बैठक में शिक्षकों ने आरोप लगाया कि ‘सेमेस्टर सिस्टम में निर्धारित दिवसों की पढ़ाई पूर्ण होने के बाद ही परीक्षा लेने का प्रावधान है. इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन निर्धारित दिवसों की पढ़ाई पूर्ण हुए बिना ही छात्रों की परीक्षा करा रहा है जो छात्र हित में नहीं है.’
लूटा के महामंत्री डॉ. राजेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि ‘आम सभा की बैठक में कई शिक्षकों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर लगातार अमर्यादित व्यवहार कर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया.’ बैठक में उपस्थित शिक्षकों का कहना था कि ‘कई बार ऐसा देखा गया है कि विश्वविद्यालय की औपचारिक बैठकों में कुलपति के मंच पर कुलसचिव एवं वित्त अधिकारी को स्थान दिया जाता है, जबकि विश्वविद्यालय के संकाय अध्यक्षों, विभागाध्यक्षों तथा वरिष्ठ प्रोफेसरों को नीचे स्थान दिया जाता है. किसी भी विश्वविद्यालय में इससे बड़ा अपमान शिक्षकों का नहीं हो सकता. आम सभा में शिक्षकों ने सर्वसम्मति से विश्वविद्यालय प्रशासन की इस अमर्यादित कार्रवाई की घोर भर्त्सना की. इसके अलावा विभागों में प्रोन्नति की चयन समिति की तिथि निर्धारित होने तथा चयन समिति के सभी सदस्यों के उपस्थित होने के बाद भी कुछ शिक्षकों की चयन समिति आयोजित करने की कार्यवाही पूर्ण न हो पाना किसी भी शिक्षक के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. आम सभा ने इस पर गहरा रोष व्यक्त किया.
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