INCOME TAX ( आयकर )

Tax Savings : 80सी के अलावा और भी हैं ऑप्शन, जानिए 5 आसान तरीके

Tax Savings : 80सी के अलावा और भी हैं ऑप्शन, जानिए 5 आसान तरीके

Tax Savings Options : 1961 के आयकर अधिनियम की धारा 80 सी उन सबसे लोकप्रिय विकल्पों में से एक है जिसका फायदा उठाकर करदाता टैक्स बचा सकते हैं। इस सेक्शन के तहत आप प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये तक टैक्स बचा सकते हैं।

इस धारा के तहत तहत जिन-जिन निवेश ऑप्शनों को कवर किया गया है, उनमें पीपीएफ निवेश, पांच साल की टैक्स सेविंग एफडी और ईएलएसएस योजनाएं शामिल हैं। हालांकि, 80सी के अलावा भी कई अन्य टैक्स सेविंग्स ऑप्शन हैं जिनका टैक्सपेयर्स लाभ उठा सकते हैं।

Tax Savings Options

सेक्शन 80ई (एजुकेशन लोन पर ब्याज में छूट)

धारा 80ई के तहत, एजुकेशन लोन के ब्याज का भुगतान की गयी राशि पर टैक्स नहीं लगता। यहां डिडक्शन राशि की कोई सीमा भी नहीं होती है। हालांकि, यह ध्यान रहे कि ऐसी छूट अधिकतम 8 साल या ब्याज का भुगतान होने तक उपलब्ध है। इस समयाअवधि से अधिक खर्च की गई कोई भी इनकम टैक्सेबल है। इसका इस्तेमाल अपने, बच्चों या पति या पत्नी के उच्च शिक्षा शुल्क को पूरा करने के लिए किया जा सकता है।

धारा 80टीटीए (बचत खाता जमा पर मिला ब्याज)
धारा 80टीटीए के तहत, बचत खाते के ब्याज पर प्रति वर्ष 10,000 रुपये तक की कटौती की सुविधा मिलती है। हालांकि अगर कोई अलग-अलग बैंकों में कई बचत खाते रखता है, तो सभी खातों से मिले ब्याज को काउंट किया जाता है और ‘अन्य स्रोतों से आय’ के तहत टैक्स लगाया जाता है। यदि ब्याज इनकम एक वर्ष में 10,000 रुपये से अधिक है, तो कुल वार्षिक आय के आधार पर, 10000 रु से अधिक राशि पर लागू रेट के हिसाब से टैक्स लगाया जाएगा।

धारा 80 डी (चिकित्सा और स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम पर छूट)

सेक्शन 80डी के तहत मेडिकल और हेल्थ इंश्योरेंस पर खर्च किए गए पैसे पर डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। एक वित्तीय वर्ष में चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर 25,000 रुपये तक की टैक्स कटौती का दावा किया जा सकता है। वरिष्ठ नागरिकों के मामले में यह लिमिट 50,000 रुपये तक की है। यह क्लेम अपने, पति/पत्नी, बच्चों और माता-पिता के लिए लिए गए स्वास्थ्य बीमा के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर किया जा सकता है।

धारा 80 जी (धार्मिक संगठनों को दिया गया दान)

किसी धार्मिक संगठन को दान में दी गई राशि पर धारा 80 जी के तहत कटौती का दावा किया जा सकता है। हालांकि, सभी तरह का दान इसके अंतर्गत नहीं आता। नकद दान के लिए सिर्फ 2,000 रुपये तक की छूट दी गई है। इससे अधिक कोई भी नकद दान कटौती के योग्य नहीं होता है। अनिवासी भारतीय भी धारा 80 जी के तहत इस कटौती का फायदा ले सकते हैं।

धारा 10(10डी) (जीवन बीमा पॉलिसी के लिए प्रीमियम का भुगतान)

धारा 10(10डी) के तहत, जीवन बीमा (मैच्योरिटी या डेथ बेनेफिट) की मैच्योरिटी पर मिलने वाली पूरी बीमा राशि पर टैक्स छूट मिलती है। हालांकि, इस तरह के डेथ बेनेफिट को टैक्स कैल्कुलेशन से छूट दी गई है यदि इसे 1 अप्रैल 2012 के बाद प्राप्त किया गया है, और टोटल वैल्यू प्रीमियम चार्जेस फुल सम एश्योर्ड से कम है।

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