Basic Shiksha Vibhag ( बेसिक शिक्षा विभाग )

सहायक शिक्षक भर्ती में नए सिरे से बने चयन सूची : कोर्ट, 69000 शिक्षक भर्ती चयनित अभ्यर्थी पहले ही ग्रहण कर चुके हैं पदभार, आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त 6800 अभ्यर्थियों की चयन सूची कोर्ट ने रद्द की, हाईकोर्ट ने समायोजन की पॉलिसी बनाने को कहा

सहायक शिक्षक भर्ती में नए सिरे से बने चयन सूची : कोर्ट, 69000 शिक्षक भर्ती चयनित अभ्यर्थी पहले ही ग्रहण कर चुके हैं पदभार, आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त 6800 अभ्यर्थियों की चयन सूची कोर्ट ने रद्द की, हाईकोर्ट ने समायोजन की पॉलिसी बनाने को कहा


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69000 हाईकोर्ट फैसला : रिव्यू के दौरान काम करते रहेंगे चयनित शिक्षक

6900 teachers vacancy high court decesion

एकल पीठ ने कहा कि तीन महीने में रिव्यू की कवायद पूरी की जाए। तब तक पहले से काम रहे शिक्षकों को हटाया नहीं जाएगा। कोर्ट ने सरकार के तर्कों को नकार दिया। कहा कि उसके सामने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों एवं उनके आरक्षण का विवरण और स्कोर तक पेश नहीं किया गया, जबकि सरकार परीक्षा के रिकार्ड्स की अभिरक्षक है।

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69000 शिक्षक भर्ती हाईकोर्ट फैसले में चयनित अभ्यर्थियों को राहत भी और 69000 की सूची रद्द नहीं

चयनित अभ्यर्थियों को राहत भी

कोर्ट ने कहा कि ऐसे सहायक अध्यापक जो कि वर्तमान समय में कार्यरत हैं, चयन सूची को संशोधित किए जाने की प्रक्रिया अपनाए जाने तक उनकी सेवा में किसी भी प्रकार का कोई हस्तक्षेप न किया जाए। साफ किया कि आरक्षित श्रेणी के जिन अभ्यर्थियों ने 65 प्रतिशत या अधिक अंक प्राप्त किए हैं, उन्हें अनारक्षित श्रेणी में ही रखा जाए।

69 हजार की सूची रद्द नहीं

कोर्ट ने 69 हजार शिक्षकों के चयन की सूची रद्द नहीं की है बल्कि आरक्षण के मुताबिक इसे पुनरीक्षित करने के आदेश दिया है। अदालत ने साफ कहा कि आरक्षण किसी भी हालत में 50 फीसदी से अधिक न हो। ऐसे में 69 हजार चयनित शिक्षकों की सूची में बदलाव संभव है। कई की नौकरी पर संकट भी हो सकता है।

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सहायक शिक्षक भर्ती में नए सिरे से बने चयन सूची : कोर्ट, 69000 शिक्षक भर्ती चयनित अभ्यर्थी पहले ही ग्रहण कर चुके हैं पदभार

● कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन माह में समीक्षा कर मेरिट सूची तैयार करने को कहा

● आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त 6800 अभ्यर्थियों की चयन सूची कोर्ट ने रद्द की

● हाईकोर्ट ने समायोजन की पॉलिसी बनाने को कहा

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 की एक जून 2020 को जारी चयन सूची पर सरकार को पुनर्विचार के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने कहा है कि तीन माह में समीक्षा कर अभ्यर्थियों की मेरिट सूची तैयार की जाए। इसके साथ ही न्यायालय ने इसी भर्ती परीक्षा के क्रम में आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त 6800 अभ्यर्थियों की पांच जनवरी 2022 की चयन सूची को खारिज कर दिया है।

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यह निर्णय न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की एकल पीठ ने महेंद्र पाल व अन्य समेत 124 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया है। इनमें से कुछ याचिकाओं में चयन सूची को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि आरक्षित श्रेणी के उन अभ्यर्थियों को भी आरक्षित श्रेणी में ही जगह दी गई है जिन्होंने अनारक्षित वर्ग के लिए तय कट ऑफ मार्क्स प्राप्त किए हैं, जबकि अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल याचिकाओं में कहा गया था कि आरक्षित वर्ग के उन अभ्यर्थियों को गलत तरीके से अनारक्षित वर्ग में रखा गया जिन्होंने टीईटी व सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में आरक्षण का लाभ ले लिया था।

 इन याचिकाओं में एक बार आरक्षण का लाभ लेने के बाद अनारक्षित वर्ग में अभ्यर्थियों का चयन किए जाने को विधि विरुद्ध बताया गया था। वहीं दो याचिकाओं में आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 की चयन सूची को चुनौती दी गई थी।

न्यायालय ने सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई के उपरांत पारित अपने निर्णय में कहा कि टीईटी में आरक्षण का लाभ लेने वाले अभ्यर्थियों को सामान्य श्रेणी का कट ऑफ मार्क्स पाने पर अनारक्षित वर्ग में रखा जाना सही है क्योंकि टीईटी एक अभ्यर्थी को सिर्फ सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में भाग लेने के लिए उपयुक्त बनाता है।

 हालांकि न्यायालय ने आगे कहा कि सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में जिन अभ्यर्थियों ने आरक्षण का लाभ लिया है, उन्हें अनारक्षित श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। न्यायालय ने टिप्पणी को और स्पष्ट करते हुए कहा कि आरक्षित श्रेणी के जिन अभ्यर्थियों ने 65 प्रतिशत या अधिक मार्क्स प्राप्त की हैं, उन्हें अनारक्षित श्रेणी में ही रखा जाएगा।

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हाईकोर्ट ने समायोजन की पॉलिसी बनाने को कहा

न्यायालय ने 6800 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों से सम्बंधित चयन सूची को भी खारिज कर दिया है। उक्त चयन सूची को यह कहते हुए चुनौती दी गई थी कि इसे बिना किसी विज्ञापन के ही जारी कर दिया गया। न्यायालय ने अपने इस निर्णय में सरकार को यह भी आदेश दिया है कि वह मामले में हस्तक्षेप करते हुए, उन अभ्यर्थियों के समायोजन के लिए पॉलिसी बनाए जो वर्तमान सूची में हैं व दो वर्षों से काम कर रहे हैं लेकिन पुनरीक्षित सूची जारी होने पर बाहर हो सकते हैं।

➡️ 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में सरकार को झटका

➡️ आरक्षण तय करने में नियमों का पालन नहीं हुआ-हाईकोर्ट

➡️ 1 जून 2020 को जारी चयन सूची का करें रिव्यू-हाईकोर्ट 

➡️ 6800 शिक्षकों की चयन सूची को हाईकोर्ट ने किया रद्द 

➡️ रिव्यू करते समय 50% से अधिक न हो आरक्षण-हाईकोर्ट

➡️ शिक्षकों के समायोजन की नीति बना सकती है सरकार-कोर्ट

➡️ तीन महीने में पूरी की जाए कवायद-हाईकोर्ट

➡️ तबतक काम कर रहे शिक्षक नहीं हटाए जाएंगे-हाईकोर्ट.

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शिक्षक भर्ती : 6800 का चयन रद्द, हाईकोर्ट का आरक्षण दुरुस्त करने का आदेश, सूची में सुधार के लिए तीन माह

लखनऊ। 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षण प्रक्रिया का ठीक से पालन न किए जाने पर 1 जून, 2020 को जारी चयन सूची को हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 3 माह में संशोधित करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की एकल पीठ ने सवा सौ याचिकाओं पर अपना आदेश पारित करते हुए आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी, 2022 को जारी चयन सूची को भी खारिज कर दिया। इस सूची को यह कहते हुए चुनौती दी गई थी कि इसे बिना किसी विज्ञापन के जारी किया गया था।

याचियों की तरफ से कोर्ट को बताया कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नियमावली का ठीक से पालन नहीं किया गया इस कारण आरक्षित वर्ग में चयनित 18,988 अभ्यर्थियों को जारी कटऑफ में 65 प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त करने के बावजूद सामान्य श्रेणी की सूची में शामिल नहीं किया गया। इनकी नियुक्ति प्रक्रिया को आरक्षित श्रेणी में ही पूरा कर दिया गया, जो आरक्षण नियमावली का उल्लंघन था। इससे आरक्षित श्रेणी के अन्य अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो सका। 

इसी को लेकर दाखिल याचिकाओं में चयन सूची को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि आरक्षित श्रेणी के उन अभ्यर्थियों को भी आरक्षित श्रेणी में ही जगह दी गई है, जिन्होंने अनारक्षित के लिए तय कट ऑफ मार्क्स प्राप्त किए हैं। जबकि, अनारक्षित अभ्यर्थियों की याचिकाओं में कहा गया था कि आरक्षित वर्ग के उन अभ्यर्थियों को गलत तरीके से अनारक्षित वर्ग में रखा गया, जिन्होंने टीईटी व सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में आरक्षण का लाभ ले लिया था। 

एक बार आरक्षण का लाभ लेने के बाद अनारक्षित वर्ग में अभ्यर्थियों का चयन किए जाने को विधि विरुद्ध बताया गया था, जबकि दो याचिकाओं में आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी, 2022 की चयन सूची को चुनौती दी गई थी। 

कोर्ट ने निर्णय में कहा कि टीईटी में आरक्षण का लाभ लेने वाले को सामान्य श्रेणी का कट ऑफ मार्क्स पाने पर अनारक्षित वर्ग में रखा जाना सही है, क्योंकि टीईटी एक अभ्यर्थी को सिर्फ सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में भाग लेने के लिए उपयुक्त बनाता है।

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