INCOME TAX ( आयकर )

New Tax Regime : भारत में नई कर व्यवस्था आज से लागू, जानें अहम बदलाव

New Tax Regime : भारत में नई कर व्यवस्था आज से लागू, जानें अहम बदलाव

हमारा व्हाट्सएप ग्रुप जॉइन करने के लिए यहाँ क्लिक करें ।

https://chat.whatsapp.com/LDkE7Rmc5RGI8LN17VDGdG

ई दिल्ली : नया वित्त वर्ष 2023-24 शनिवार यानी 1 अप्रैल 2023 से शुरू हो गया है. वित्त वर्ष में बदलाव होने के साथ ही कई ऐसे फैसले लागू होंगे, जिनसे आपकी जिंदगी प्रभावित होगी.

New Tax Regime

इनमें से आयकर नियमों में बदलाव हैं, जो भारत में कई लोगों को सीधे प्रभावित करेंगे। नए टैक्स स्लैब भी लागू होंगे. सरकार का कहना है कि इससे कई करदाताओं को फायदा होगा. विशेष रूप से नई कर व्यवस्था तब तक डिफॉल्ट कर व्यवस्था होगी, जब तक कोई करदाता आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करते समय पुरानी व्यवस्था नहीं चुनता है. इन बदलावों की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल अपने बजट भाषण में की थी. आइए, इन फैसलों पर एक नजर डालते हैं…

नई कर व्यवस्था आज से प्रभावी

नई कर व्यवस्था एक अप्रैल से प्रभाव में आ गई. नई कर व्यवस्था के तहत यदि किसी करदाता की वार्षिक आय 7 लाख रुपये है, तो उसे कोई कर अदा नहीं करना होगा. हालांकि, निवेश और आवास भत्ता जैसी छूट वाली पुरानी कर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है. पहली बार नई कर व्यवस्था के तहत भी 50,000 रुपये की मानक कटौती के लाभ का प्रस्ताव किया गया है. वित्त मंत्री ने नई कर व्यवस्था यानी बिना कोई छूट वाली कर व्यवस्था को ‘डिफॉल्ट’ बनाने का प्रस्ताव किया है. इसका मतलब है कि अगर आपने आयकर रिटर्न में अपना विकल्प नहीं चुना है तो आप स्वत: ही नई कर व्यवस्था में चले जाएंगे. इसके अलावा तकनीकी सेवाओं के लिए रॉयल्टी और शुल्क पर कर की दर को 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया जाएगा.

5 लाख से अधिक प्रीमियम पर कर छूट की सीमा खत्म

इसके साथ ही, आपको यह भी बता दें कि भारत में नई कर व्यवस्था आज से लागू होने के साथ ही, 5 लाख रुपये वार्षिक प्रीमियम से अधिक की बीमा पॉलिसी के मामले में मिलने वाली राशि पर कर छूट की सीमा खत्म होगी. इसके तहत, एक अप्रैल, 2023 के बाद जारी उन सभी जीवन बीमा पॉलिसी (यूनिट लिंक्ड बीमा पॉलिसी या यूलिप के अलावा) की परिपक्वता राशि पर कर लगेगा, जिसका सालाना प्रीमियम 5 लाख रुपये से अधिक है.

महिला सम्मान बचत पत्र शुरू

1 अप्रैल 2023 से महिलाओं के लिए एक नई लघु बचत योजना ‘महिला सम्मान बचत पत्र’ शुरू होगी. इसमें किसी महिला या लड़की के नाम पर दो लाख रुपये तक का एक बार में निवेश किया जा सकता है. इस योजना के तहत 7.5 फीसदी की निश्चित दर से ब्याज मिलेगा. इसके साथ ही, आंशिक निकासी का विकल्प भी मिलेगा.

वरिष्ठ नागरिक बचत योजना जमा सीमा बढ़ी

वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत जमा की सीमा 15 लाख रुपये से बढ़कर 30 लाख रुपये हो जाएगी. वहीं मासिक आय योजना के तहत जमा सीमा बढ़ाकर नौ लाख रुपये हो जाएगी.

म्यूचुअल फंड में अल्पकालीन पूंजी लाभ पर टैक्स

एक अप्रैल से बॉन्ड या निश्चित आय वाले उत्पादों में निवेश से जुड़े म्यूचुअल फंड में अल्पकालीन पूंजी लाभ कर लगेगा. अब तक निवेशकों को इस पर दीर्घकालीन कर लाभ मिलता था, जिसकी वजह से यह निवेश का लोकप्रिय विकल्प था. फिलहाल, बॉन्ड या निश्चित आय वाले उत्पादों से जुड़े म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशक तीन साल के लिए पूंजी लाभ पर आयकर चुकाते हैं. तीन साल बाद ये कोष मुद्रास्फीति के प्रभाव को हटाकर 20 फीसदी या महंगाई के प्रभाव के साथ 10 फीसदी का भुगतान करते हैं.

हॉलमार्क विशिष्ट पहचान अनिवार्य

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) एक अप्रैल से हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों के लिए छह अंक का ‘अल्फान्यूमेरिक’ एचयूआईडी (हॉलमार्क विशिष्ट पहचान) अनिवार्य कर रहा है. हालांकि, सरकार ने करीब 16,000 जौहरियों को पहले से ‘घोषित’ सोने के पुराने हॉलमार्क वाले आभूषणों को जून तक बेचने की अनुमति दे दी है, लेकिन यह छूट जुलाई 2021 से पहले बने आभूषणों पर ही लागू होगी.

कारों की कीमतों में बढ़ोतरी

एक अप्रैल से सख्त उत्सर्जन नियम लागू होने के बाद मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स जैसी वाहन कंपनियां अपने विभिन्न मॉडलों की कीमतों में बढ़ोतरी कर रही हैं.

एनएसई ने लेनदेन शुल्क में 6 फीसदी की वृद्धि वापस लिया

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने एक अप्रैल से नकद इक्विटी और वायदा एवं विकल्प खंड में लेनदेन शुल्क में 6 फीसदी की वृद्धि को वापस लेने का फैसला किया है. अतिरिक्त शुल्क एक जनवरी, 2021 को प्रभावी हुआ था. विकल्प अनुबंधों पर प्रतिभूति सौदा कर (एसटीटी) 0.05 फीसदी से बढ़कर 0.0625 फीसदी और वायदा अनुबंधों में 0.01 फीसदी से बढ़कर 0.0125 फीसदी होगा.

विदेश यात्रा में क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर टैक्स

विदेश यात्रा के लिए क्रेडिट कार्ड से भुगतान को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के उदारीकृत धन प्रेषण योजना (एलआरएस) के दायरे में लाया जाएगा। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि ऐसे खर्चे स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) के दायरे में आएं.

संशोधित ऋण गारंटी योजना लागू

देश के सूक्ष्म और लघु उद्योगों के लिए एक संशोधित ऋण गारंटी योजना एक अप्रैल से लागू होगी. इसमें एक करोड़ रुपये तक के कर्ज के लिए वार्षिक गारंटी शुल्क अधिकतम दो फीसदी से घटकर 0.37 फीसदी किया जा रहा है. इससे छोटे कारोबारियों के लिए ऋण की कुल लागत में कमी होगी. गारंटी की सीमा को दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये कर दिया गया है.

नई विदेश व्यापार नीति प्रभावी

नई विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) भी एक अप्रैल से लागू होगी. इसका उद्देश्य देश के निर्यात को वर्ष 2030 तक 2,000 अरब डॉलर तक पहुंचाना, भारतीय रुपये को वैश्विक मुद्रा बनाना और ई-वाणिज्य निर्यात को बढ़ावा देना है. एफटीपी 2023 से ई-वाणिज्य निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा और इसके 2030 तक बढ़कर 200-300 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. इसके अलावा, इसमें कूरियर सेवाओं के माध्यम से निर्यात के लिए मूल्य सीमा पांच लाख रुपये प्रति खेप से बढ़ाकर 10 लाख रुपये की जा रही है.

Back to top button
%d bloggers like this: