samar camp in basic schools डीपीओ एसएसए ने एचएम को किया शो कॉज: 30 फीसदी स्कूलों में नहीं पहुंची सामग्री, खेल कर बीता पहला दिन

डीपीओ एसएसए ने एचएम को किया शो कॉज: 30 फीसदी स्कूलों में नहीं पहुंची सामग्री, खेल कर बीता पहला दिन
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छठी और 7वीं के बच्चों के लिए गुरुवार से शुरू हुए समर कैंप के लिए 30 फीसदी सरकारी विद्यालयों में सामग्रियां नहीं पहुंच सकी है. इस कारण पहले दिन स्कूल बच्चों के बीच खेल की गतिविधियां करानी पड़ी.
स्कूलों में स्वयंसेवक पहुंचे थे. पोषक क्षेत्र के बच्चे भी पहुंच गए लेकिन सामग्रियां नहीं होने के कारण पहले दिन एक्टिविटी नहीं हो सकी. मामले की शिकायत पर डीपीओ एसएसए विभा कुमारी ने गुरुवार को सभी चिन्हित मिडिल स्कूलों के एचएम को शो कॉज किया है.
उन्होंने कहा है कि समर कैंप के लिए आवश्यक चॉक, डस्टर, ब्लैकबोर्ड से लेकर अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराए जाएं. अगर 24 घंटे के भीतर यह उपलब्ध नहीं होता है तो कार्रवाई होगी. उन्होंने सामग्रियों की उपलब्धता कंपोजिट ग्रांट से खर्च किए जाने की बात कही है. दूसरी ओर मध्य विद्यालय चंदवारा में डीडीसी आशुतोष द्विवेदी और डीईओ अजय कुमार सिंह ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. उल्लेखनीय है कि जिले के 1209 स्कूलों में समर कैंप का संचालन 30 जून तक किया जाना है.
गणित से लेकर भाषा की बुनियादी समझ विकसित करना है लक्ष्य
समर कैंप का नाम कैंप कमाल के रखा गया है. इसमें बच्चों की गणित और भाषा की बुनियादी समझ विकसित करनी है. बच्चों को छोटे-छोटे शब्द, वाक्य से लेकर कहानियों के माध्यम से सिखाना है. इसकी शुरुआत वार्म यानी खेल से करनी है. बच्चों को वार्म अप और गणित के खेल के लिए 15 मिनट, कहानी आधारित गतिविधि के लिए 25 मिनट, ध्वनि चिन्ह संबंधित गतिविधि के लिए 10 मिनट, शब्दकोष बनाने के लिए 15 मिनट और आज का सवाल के लिए 15 मिनट समय दिया जाना है. दूसरी ओर समर कैंप के बच्चों का बेसलाइन टेस्ट एंट्री दर्ज करनी है. बावजूद इसके अब तक 10 फीसदी स्कूलों ने भी रिपोर्ट जमा नहीं की है.
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