Cyclone Biparjoy ‘बेहद गंभीर’ चक्रवात में बदला ‘बिपारजॉय’, कई ट्रेनों को किया गया रद्द; IMD ने चेतावनी जारी करते हुए दिया यह अपडेट

‘बेहद गंभीर’ चक्रवात में बदला ‘बिपारजॉय’, कई ट्रेनों को किया गया रद्द; IMD ने चेतावनी जारी करते हुए दिया यह अपडेट
Cyclone Biparjoy, मुंबई, जखाऊ/ अहमदाबाद: गुजरात के कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह के निकट शक्तिशाली चक्रवात ‘बिपारजॉय’ (Cyclone Biparjoy) के संभावित आगमन से दो दिन पहले अधिकारियों ने मंगलवार को तटीय क्षेत्रों से 21,000 लोगों को अस्थायी आश्रय स्थलों में स्थानांतरित कर दिया.

Cyclone Biparjoy
एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की कई टीम तैयार हैं. उन्होंने कहा कि निकासी की प्रक्रिया अभी भी जारी है और सभी लक्षित आबादी को मंगलवार शाम तक सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया जाएगा. मछली पकड़ने संबंधी गतिविधियों को पूरी तरह से निलंबित कर दिया गया है. महाराष्ट्र में मुंबई समेत सभी जगह के समुद्री तटों में अलर्ट जारी किया जा चुका है और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की कई टीम तैनात हैं.
पश्चिम रेलवे के CPRO सुमित ठाकुर के मुताबिक, 69 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, 32 ट्रेनों को शॉर्ट-टर्मिनेट किया गया है,जबकि 26 ट्रेनों को यात्रियों की सुरक्षा और चक्रवात बिपरजोय की शुरुआत के संबंध में ट्रेन संचालन के मद्देनजर एहतियाती उपाय के रूप में शॉर्ट-ऑरजिनेट किया जाएगा.
चक्रवात बिपारजॉय से व्यापक क्षति होने की आशंका
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार चक्रवात ‘बिपारजॉय’ से व्यापक क्षति होने की आशंका है और गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिले इससे सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं. राज्य सरकार का लक्ष्य तट से 10 किलोमीटर के इलाके में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना है. अब तक चक्रवात से संबंधित एक मौत दर्ज की गई है राज्य राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने कहा, हमने उन तटवर्ती इलाकों के निकट रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पहले ही शुरू कर दिया है, जिनके चक्रवात से सबसे अधिक प्रभावित होने की आशंका है.
15 जून की शाम को चक्रवात की 125-135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार
अहमदाबाद आईएमडी की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा कि चक्रवात के 15 जून की शाम को 125-135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ जखाऊ बंदरगाह के पास कच्छ में मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच पार करने की संभावना है.
सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के तटीय हिस्सों, कच्छ, पोरबंदर और द्वारका जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के तटीय हिस्सों, खासकर कच्छ, पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिलों में तेज हवाओं के साथ बेहद भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. चक्रवात के दस्तक देने और कमजोर होने के बाद, इसके उत्तर-पूर्व और दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ने की आशंका है. इस वजह से 15-17 जून तक उत्तर गुजरात में भारी से बहुत भारी बारिश होगी.
भारी वर्षा के मद्देनजर मछली पकड़ने संबंधी गतिविधियों को 16 जून तक निलंबित, बंदरगाह बंद
समुद्र के अशांत होने और आने वाले चक्रवात के कारण क्षेत्र में अत्यधिक भारी वर्षा के मद्देनजर मछली पकड़ने संबंधी गतिविधियों को 16 जून तक निलंबित कर दिया गया है, बंदरगाह बंद हैं.
विभिन्न जिला प्रशासनों ने करीब 21,000 लोगो को अस्थायी आश्रय स्थलों पर पहुंचाया
अभी तक विभिन्न जिला प्रशासनों ने करीब 21,000 लोगो को अस्थायी आश्रय स्थलों पर पहुंचाया है. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की प्रक्रिया अभी जारी है और लक्षित आबादी को आज शाम तक सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया जाएगा. समुद्र 14 जून तक बहुत अशांत रहेगा, 15 जून को इसका स्तर और बढ़ जाएगा. पांडे ने कहा कि 21,000 लोगों में से कच्छ जिले से करीब 6,500, देवभूमि द्वारका से 5,000, राजकोट से 4,000, मोरबी से 2,000, जामनगर से 1,500 से अधिक, पोरबंदर से 550 और जूनागढ़ जिले से 500 लोगों को निकाला गया.
चक्रवात से जुड़ी एक घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई
चक्रवात से जुड़ी एक घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई. राज्य राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने कहा, पांडे ने बताया कि सोमवार को राजकोट जिले के जसदण तालुका में तेज हवाओं के कारण राज्य राजमार्ग पर एक मोटरसाइकिल पर पेड़ गिरने से वर्षा बावलिया नाम की एक महिला की मौत हो गई और उसका पति घायल हो गया.
बचाव अभियान दो चरणों में शुरू किया गया है
राज्य राहत आयुक्त ने कहा कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रही है कि इस चक्रवात से कोई जनहानि न हो. बचाव अभियान दो चरणों में शुरू किया गया है और सबसे पहले समुद्र तट से पांच किलोमीटर तक की दूरी पर रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा. इसके बाद तट से पांच से 10 किलोमीटर की दूरी पर रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा और इस दौरान बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को प्राथमिकता दी जाएगी.
एनडीआरएफ की 17 और एसडीआरएफ की 12 टीम पूरी तरह तैयार
सरकार ने कहा है कि प्रभावित जिलों देवभूमि द्वारका, राजकोट, जामनगर, जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, मोरबी और वलसाड में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 17 और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 12 टीम पूरी तरह तैयार हैं.
ट्रेनों के कार्यक्रम में भी बदलाव
पश्चिम रेलवे ने कहा कि उसने एहतियात के तौर पर भुज और गांधीधाम जाने वाली तीन ट्रेन को रद्द कर दिया है, 30 ट्रेनों को गंतव्य से पहले रोक दिया है और 25 अन्य ट्रेन के कार्यक्रम में भी बदलाव किया गया है.
आयल रिग ‘की सिंगापुर’ से 50 कर्मचारियों को सुरक्षित निकाला
इस बीच, भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) ने चक्रवात बिपारजॉय के असर से खराब मौसम के बीच रातभर चले अभियान के तहत द्वारका तट से 40 किलोमीटर दूर तेल निकालने के लिए समुद्र पर बनाए गए प्लेटफॉर्म (ऑयल रिग) से 50 कर्मचारियों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. आईसीजी ने एक बयान में कहा, भारतीय तटरक्षक क्षेत्र उत्तरपश्चिम ने आईसीजी एएलएच विमान और शूर पोत से आयल रिग ‘की सिंगापुर’ से 50 कर्मचारियों को सुरक्षित निकाला. गुजरात के व्यस्ततम बंदरगाहों में से एक जखाऊ बंदरगाह सुनसान पड़ा है, समुद्र अशांत है, तेज हवाएं चल रही हैं और भारी बारिश हो रही है.
सैकड़ों नावों को तट पर लाया गया, श्रमिकों सहित 3,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज
अधिकारियों ने बताया कि मछली पकड़ने वाली सैकड़ों नावों को तट पर लाया गया है और उन्हें प्रकृति के आसन्न प्रकोप से बचाने की उम्मीद में कतारों में खड़ा कर दिया गया है. जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात की चेतावनी के बाद से कांडला में देश के सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बंदरगाह पर नौवहन गतिविधियां बंद कर दी गई हैं और श्रमिकों सहित लगभग 3,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है.
पांच केंद्रीय मंत्री प्रभावित जिलों में गए
गुजरात से कुल पांच केंद्रीय मंत्री बचाव और निकासी उपायों में राज्य प्रशासन के साथ मदद और समन्वय के लिए विभिन्न जिलों में पहुंचे. राहत और बचाव कार्यों के लिए राज्य प्रशासन के साथ समन्वय करने के लिए केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया, पुरुषोत्तम रूपाला, दर्शना जरदोश, देवुसिंह चौहान और महेंद्र मुंजापारा प्रभावित जिलों में गए.
राशन और भोजन की व्यवस्था के साथ आश्रय गृह स्थापित किए जा रहे
मांडविया ने कहा कि राशन और भोजन की व्यवस्था के साथ आश्रय गृह स्थापित किए जा रहे हैं, वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य आपात स्थिति से निपटने के लिए कार्य योजना बनाई जा रही है. मांडविया ने कहा कि बंदरगाहों पर काम करने वाले सभी मजदूरों को वहां से हटा दिया गया है, जहाजों के लंगर डाल दिए गए हैं और चालक दल के सदस्यों को भी सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है.
मुंबई : अरब सागर में लापता हुए इन चारों लड़कों के शव मिले
मुंबई के जुहू कोलीवाड़ा इलाके में सोमवार शाम करीब साढ़े पांच बजे 12 से 16 साल की उम्र के पांच दोस्त तट से करीब आधा किलोमीटर दूर उबड़-खाबड़ समुद्र में उतरे थे, आज दूसरे दिन बचावकर्मियों को अरब सागर में लापता हुए इन चारों लड़कों के शव मिल गए हैं, जबकि उनमें से एक को बचा लिया गया था. पहले नौसेना के एक हेलिकॉप्टर को रात 8.20 बजे भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) की सहायता से तलाशी अभियान शुरू करना पड़ा था. ऑपरेशन सुबह फिर से शुरू हुआ, जिसके दौरान लापता लड़कों का पता चला और उन्हें निगम द्वारा संचालित कूपर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. लापता चार लड़कों में से दो के शव सुबह और अन्य के दोपहर में बरामद किए गए. मृतकों की पहचान जय रोशन ताजबरिया (15), मनीष योगेश ओगनिया (12), शुभम योगेश ओगनिया (15) और धर्मेश वलजी फौजिया (16) के रूप में हुई है. (इनपुट- ANI-पीटीआई)
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