Coding and artificial intelligency course अब यूपी में सरकारी स्कूलों के बच्चे पढ़ेंगे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कोडिंग
अब यूपी में सरकारी स्कूलों के बच्चे पढ़ेंगे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कोडिंग Coding and artificial intelligency course
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उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालय के बच्चे अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व कोडिंग की पढ़ाई करेंगे. एससीईआरटी द्वारा तैयार सिलेबस को शिक्षकों को अलग से प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिससे विद्यार्थी अपने भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद तैयार कर सकेंगे.

Coding and artificial intelligency course
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों में सत्र 2024-25 से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई शुरू हो जाएगी. कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों को कंप्यूटर स्किल को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए विद्यालयों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के कंप्यूटर शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और सभी को स्मार्ट गैजेट का बेहतर उपयोग करना भी सिखाया जाएगा. इसके अलावा छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कोडिंग, मशीन लर्निंग व रोबोटिक्स की भी ट्रेनिंग दी जाएगी.
एससीईआरटी जल्द तैयार करेगा सिलेबसः यूपी बोर्ड के विद्यालयों में पाठ्यक्रम को लागू करने से पहले सभी साइंस स्ट्रीम के शिक्षकों को एससीईआरटी की ओर से ट्रेनिंग प्रदान किया जाएगा. जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कोडिंग, मशीन लर्निंग जैसे विषयों को पढ़ाने के लिए साइंस शिक्षकों को विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिलाया जाएगा. जिससे शिक्षक ट्रेनिंग लेने के बाद अपने-अपने विद्यालयों में छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर सके. इसके साथ ही कक्षा 6 से 12 तक के लिए शिक्षकों को अलग से भी प्रशिक्षण दिलाया जाएगा. जिससे इन विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थी अपने भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को तैयार कर सकेंगे.
इसके लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद की ओर से सिलेबस तैयार करने की पहल शुरू की गई है. इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को दिशा निर्देश दिया गया है. एससीईआरटी सिलेबस तैयार करने के लिए एससीआरटी राज्य विज्ञान संस्थान प्रयागराज और कोडिंग सिखाने वाले कुछ संस्थाओं की मदद लेगा.
6 से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को मिलेगा लाभः राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) निदेशक डॉ. अंजना गोयल ने बताया कि आज के बदलते युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोडिंग की पढ़ाई बच्चों के लिए बहुत उपयोगी है. इसी को देखते हुए सभी विद्यालयों में यह शिक्षा कक्षा 6 से 12 तक के छात्र-छात्राओं को प्रदान की जाएगी. उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम को तैयार करने के लिए विभाग की ओर से सारी तैयारियां शुरू कर दी गई है. एससीईआरटी के अधिकारियों के साथ बैठक कर डिजिटल लिटरेसी कोडिंग और कंप्यूटेशनल थिंकिंग के पाठ्यक्रम निर्माण संबंधी विषयों पर बैठक कर जरूरी दिशा निर्देश दिया.
अगले सत्र से शुरू होगा कोर्सः महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 से यह कोर्स विद्यालयों में शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ बनावटी तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता होता है. कोडिंग को प्रोग्रामिंग के रूप में भी जाना जाता है. कंप्यूटर पर हम जो भी कुछ करते हैं. वह सारा काम इसी के जरिए किया जाता है. कोडिंग के जरिए कंप्यूटर को बताया जाता है कि उसे क्या करना है. विद्यार्थी को मशीन लर्निंग की भी जानकारी दी जाएगी. उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य सभी विद्यालयों को प्राइवेट विद्यालयों के तर्ज पर विकसित करना है. इसी को देखते हुए आधुनिक समय के मांग के अनुसार विद्यालय के पाठ्यक्रम में बदलाव करने की तैयारी शुरू की गई है.
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