UPPSC: 2021 से रुकीं 10 हजार भर्तियों का रास्ता साफ, शासन ने जारी किया आदेश

UPPSC: 2021 से रुकीं 10 हजार भर्तियों का रास्ता साफ, शासन ने जारी किया आदेश
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यूपी सरकार ने स्नातक स्तर की होने वाली भर्तियों के लिए समकक्षता तय कर दी है। केंद्रीय व राज्य द्वारा स्थापित या डीम्ड विश्वविद्यालय से स्नातक, व्यवसायिक निकायों, संस्थानों के तकनीकी पाठ्यक्रमों के स्नातक कोर्स को स्नातक स्तर का माना जाएगा।

UPPSC VACANCY
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा स्नातक स्तर के कोर्स भी इसके बराबर होंगे। इस फैसले के बाद विभिन्न आयोगों में फंसी हुई 10 हजार से अधिक रिक्तियों को भरने का रास्ता साफ हो गया है।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में ही अकेले 6900 भर्तियां रुकी हैं। अपर मुख्य सचिव कार्मिक डा. देवेश चतुर्वेदी ने इस संबंध में बुधवार को शासनादेश जारी कर दिया है। विकास एवं 80 अन्य बनाम राज्य संबंधी वाद पर हाईकोर्ट ने 21 सितंबर 2021 को आदेश देते हुए स्नातक की समकक्षता तय करने का आदेश दिया था। इसके आधार पर स्नातक के समकक्ष पाठ्यक्रमों की परिभाषा स्पष्ट की गई है।
शासनादेश में कहा गया है कि केंद्र या किसी राज्य सरकार विधि द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय, डीम्ड विश्वविद्यालय या संस्थान की स्नातक उपाधि पात्र होगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त विभिन्न व्यवसायिक कोर्स, तकनीकी पाठ्यक्रमों में प्रदान की गई डिग्री इस स्तर की होगी। एआईसीटीई की इस स्तर की उपाधियां भी स्नातक के समकक्ष मानी जाएंगी।
किसी प्रकार असमंजस होने की स्थिति में आयोगों द्वारा संबंधित संस्थानों से जानकारी प्राप्त की जाएगी। यह समकक्षता केवल उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा आयोग और अन्य भर्ती संस्थानों द्वारा सेवा नियमावली में दी गई स्नातक योग्यता व समकक्ष के लिए मान्य होगी। शासनादेश में कहा गया है कि ऐसे मामलों में जहां तकनीकी पद किसी विभाग की सेवा नियमावली में है और उसके लिए सामान्य स्नातक की अर्हता के स्थान पर कोई विशिष्ट अर्हता होने पर की स्थिति में विभाग द्वारा समकक्ष अर्हता तय की जाएगी।
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