Basic Shiksha Vibhag ( बेसिक शिक्षा विभाग )

बच्चों के मिड-डे मील में अब मिलेट्स की एंट्री, MDM के नए मेन्यू का भेजा प्रस्ताव, जानिए क्यों किया जा रहा है मेन्यू में बदलाव ?

बच्चों के मिड-डे मील में अब मिलेट्स की एंट्री, MDM के नए मेन्यू का भेजा प्रस्ताव, जानिए क्यों किया जा रहा है मेन्यू में बदलाव ?

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लखनऊ : अब स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले मिड-डे-मील (एमडीएम) में मिलेट्स (मोटे अनाज) की एंट्री होने जा रही है। उनको हफ्ते में एक दिन वाजरे की खिचड़ी परोसी जाएगी। उनको अव दाल और सब्जी भी रोज खाने को मिलेगी। मेन्यू में बलदाव के लिए मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने इस तरह का प्रस्ताव शासन को भेजा है।

Madhyahan bhojan yojna


मध्याह्न भोजन योजना भारत सरकार और प्रदेश सरकार के सहयोग से संचालित की जाती है। सबसे पहले इसकी शुरुआत 1995 में की गई लेकिन तब बच्चों को अनाज दिया जाता था। उसके बाद 2004 में पका हुआ भोजन कक्षा 1 से 5 तक के परिषदीय स्कूलों में देना शुरू किया गया। बाद में इसका विस्तार होता गया और भोजन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए मेन्यू में भी बदलाव किए गए। प्रदेश में इस समय 1.44 लाख विद्यालयों में 2 करोड़ बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया जा रहा है। इनमें परिषदीय विद्यालय, राजकीय विद्यालय, सहायता प्राप्त विद्यालय, मदरसे, मकतव, संस्कृत विद्यालय और बाल श्रमिक विद्यालयों के कक्षा 1 से 8 तक बच्चे शामिल हैं।
अभी ये है मेन्यू : मिड-डे-मील में फिलहाल जो मेन्यू है, उसके अनुसार हफ्ते में सभी दिन अलग-अलग तरह का भोजन दिया जाता है। बच्चों को कुछ दिन दाल तो कुछ दिन सब्जी परोसी जाती है। सोमवार को रोटी सब्जी दी जाती है और मौसमी फल दिए जाते हैं। सब्जी में सोयाबीन या दाल की बड़ी के प्रयोग के निर्देश हैं। मंगलवार को दाल-चावल, बुधवार को तहरी और दूध, गुरुवार को गेहूं की रोटी और दाल, शुक्रवार को सोयाबीन वड़ी वाली तहरी, शनिवार को चावल और सोयाबीन युक्त सब्जी परोसी जाती है। अब विशेषज्ञों की राय से नया प्रस्ताव तैयार किया गया है।
इसमें मोटे अनाज के लिए वाजरा की खिचड़ी को मेन्यू में शामिल किया गया है। वहीं रोजाना दाल और सब्जी दोनों दिए जाने का भी प्रस्ताव है। जल्द ही शासन से मंजूरी के वाद मेन्यू जारी कर दिया जाएगा।

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