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उप्र में चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने की प्रक्रिया का सीधा प्रसारण देखेंगे छात्र, शिक्षक संगठनों ने किया विरोध

उप्र में चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने की प्रक्रिया का सीधा प्रसारण देखेंगे छात्र, शिक्षक संगठनों ने किया विरोध

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-उप्र में पहली बार शाम को विशेष रूप से एक घंटे के लिए खुलेंगे स्कूल

लखनऊ, 22 अगस्त (हि.स.)। बुधवार शाम को जब भारत का महत्वाकांक्षी मून मिशन ‘चंद्रयान-3’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर पहली बार लैंड करेगा तो उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के छात्र भी इस ऐतिहासिक लम्हे के साक्षी बनेंगे।

प्रदेश की योगी सरकार ने इस अवसर पर छात्रों के ज्ञानवर्धन, उनकी जिज्ञासाओं की पूर्ति के लिए सभी परिषदीय विद्यालयों को 23 अगस्त की शाम को एक घंटा खोलने और छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। वहीं शिक्षक संघ ने महिला शिक्षकों की सुरक्षा का हवाला देते हुए इसका विरोध किया है।

chandrayaan landing on moon

सरकार ने शिक्षा मंत्रालय के निर्देश का हवाला देते हुए कहा है कि 23 अगस्त को शाम 5.27 बजे चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने की प्रक्रिया का इसरो वेबसाइट, यू-ट्यूब चैनल व डीडी नेशनल पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। ऐसे में 5.15 से 6.15 बजे तक विद्यालयों व शैक्षणिक संस्थानों में विशेष सभा आयोजित कर सीधे प्रसारण की व्यवस्था की जाए।

सभी जिलों को भेजे गये निर्देश में कहा गया है कि भारत का अंतरिक्ष अन्वेषण की खोज चंद्रयान-3 मिशन के साथ एक उल्लेखनीय मील का पत्थर तक पहुंच गयी है, जो चंद्रमा पर उतरने के लिए तैयार है। यह भारतीय विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री इन इन महत्वपूर्ण क्षणों पर राष्ट्र के साथ सम्मिलित होंगे और राष्ट्र को सम्बोधित भी करेंगे।

वहीं विशिष्ट बीटीसी वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुमार तिवारी ने शाम को विद्यालय खोलने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि वे इसका बहिष्कार करेंगे। इतनी शाम को महिला शिक्षकों की सुरक्षा की व्यवस्था कैसे होगी।

अपर राज्य परियोजना निदेशक मधुसूदन हुल्गी ने बताया कि यह पहली बार है जब सरकार ने इस तरह के ऐतिहासिक अवसर पर छात्रों को एजुकेट करने के लिए शाम को स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि भारत के चंद्रयान-3 का चंद्रमा पर उतरना एक यादगार अवसर है, जो न केवल जिज्ञासा को बढ़ावा देगा बल्कि हमारे युवाओं के मन में अन्वेषण के लिए एक जुनून भी जगाएगा। इससे गर्व और एकता की गहरी भावना पैदा होगी क्योंकि हम सामूहिक रूप से भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी की शक्ति का उत्सव मनाएंगे। इसी क्रम में सभी डायट प्राचार्य व बीएसए को निर्देश दिया है कि इस दिन 5.15 से 6.15 बजे तक विद्यालयों व शैक्षणिक संस्थानों में विशेष सभा आयोजित कर सीधे प्रसारण की व्यवस्था की जाए।

हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/राजेश

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