UP Board ने धोए 38 साल पुराने दाग, इन गलतियों को सुधाकर बनाया नया रिकॉर्ड; 1984 का है सबसे पुराना मामला

UP Board ने धोए 38 साल पुराने दाग, इन गलतियों को सुधाकर बनाया नया रिकॉर्ड; 1984 का है सबसे पुराना मामला
राज्य ब्यूरो, प्रयागराज: यूपी बोर्ड ने वर्ष 2023 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा बिना पुनर्परीक्षा के संपन्न कराकर 30 वर्ष का रिकार्ड तोड़ने के बाद अब अंकपत्र/प्रमाणपत्र संशोधन के मामले में नया कीर्तिमान बनाया है।
अंकपत्र/प्रमाणपत्र संशोधन के लिए क्षेत्रीय कार्यालयों में लगने वाली भीड़ खत्म करने के लिए यूपी बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने नई पहल कर जिलों में कैंप लगवाए। इसमें बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों के अफसरों ने लंबित 59860 मामलों के निस्तारण के लिए पत्रजात जुटाए और अंकपत्र संशोधित कराकर बैकलाग खत्म कर दिया।
इसमें 38 वर्ष से लंबित प्रकरण भी निस्तारित कर सभी संशोधित अंकपत्र/प्रमाणपत्र माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट http://upmsp.edu.in पर आनलाइन कर दिया गया।
संशोधित अंकपत्र/प्रमाणपत्र हाईस्कूल व इंटरमीडिएटवार एवं जिलावार अपलोड कर दिया गया है। इस तरह सुदूर जिलों से क्षेत्रीय कार्यालयों तक की परिक्रमा खत्म कर यूपी बोर्ड ने छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत दी है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनन्द ने 30 सितंबर तक संशोधित अंकपत्र/प्रमाणपत्र विद्यालयों को भेजकर क्षेत्रीय कार्यालयों से इस आशय का प्रमाणपत्र मांगा है कि कोई प्रकरण शेष नहीं है।
‘अंकपत्र/प्रमाणपत्र संशोधन के पुराने प्रकरण निस्तारित करने के बाद अब नए मामले आनलाइन निस्तारित किए जाएंगे। इसके लिए पोर्टल बनाया जा रहा है, जिसमें प्रकरण को ट्रैक करने की भी व्यवस्था रहेगी। नई व्यवस्था में आवेदन, उससे संबंधित साक्ष्य/अभिलेख, सत्यापन व निस्तारण आनलाइन ही होंगे। निर्धारित समय में संशोधन न होने पर संबंधित कर्मचारियों/अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।’ – दिब्यकांत शुक्ल, सचिव यूपी बोर्ड।
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