Right to Education: निजी स्कूलों की मनमानी, RTE के तहत आवंटित 1.34 लाख में सिर्फ 85 हजार को मिला दाखिला

Right to Education: निजी स्कूलों की मनमानी, RTE के तहत आवंटित 1.34 लाख में सिर्फ 85 हजार को मिला दाखिला
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में गरीब घरों के 85 हजार बच्चों के इस बार दाखिले हुए हैं। चार चरणों की लाटरी की प्रक्रिया में 1.34 लाख सीटें प्रवेश के लिए आवंटित की गईं थी।

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अब सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को पत्र लिखकर जिले में उपलब्ध सीटें और आवंटित की गईं सीटों के मुकाबले कितने दाखिले हुए इसका पूरा ब्योरा मांगा गया है।
अधिक से अधिक निजी स्कूलों में प्रवेश पर जोर
उनसे इसका स्पष्टीकरण भी लिया जाएगा। नोटिस का जवाब मिलने पर लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद की ओर से आरटीई के तहत गरीब बच्चों को अधिक से अधिक निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाने पर जोर दिया जा रहा है। इस वर्ष 176 करोड़ रुपये शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए भी जारी किए गए हैं और मानीटरिंग भी हो रही है।
इस बार 13 हजार बढ़ी संख्या
बीते वर्षों तक मनमाने ढंग से जिलों में प्रवेश होते थे। अब इस पर धीरे-धीरे सख्ती बढ़ाई जा रही है। यही कारण है कि पिछले वर्ष 72 हजार प्रवेश हुए थे। अबकी यह संख्या 13 हजार बढ़ी है। इस बार आरटीई के तहत 2.85 लाख आवेदन हुए थे और इसमें से 2.08 लाख आवेदन फार्म सही पाए गए थे। फिर चार चरणों की लाटरी की प्रक्रिया 1.34 लाख सीटें आवंटित हुईं और 85 हजार प्रवेश अब तक हुए हैं।
प्रदेश में कुल 45 हजार स्कूलों में 4.10 लाख सीटें हैं। अब जिलों से ब्योरा मिलने के बाद बीएसए से स्पष्टीकरण लिया जाएगा। आरटीई पोर्टल के माध्यम से समीक्षा कर आगे और दाखिले बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।