Basic Shiksha Vibhag ( बेसिक शिक्षा विभाग )

स्कूल से टीचर को किया सस्पेंड तो रो पड़े मासूम स्टूडेंट, लिपटकर खूब बहाएं आंसू, DM के पास गए और

स्कूल से टीचर को किया सस्पेंड तो रो पड़े मासूम स्टूडेंट, लिपटकर खूब बहाएं आंसू, DM के पास गए और

Trending News: मामला मथुरा जिले के फरह ब्लॉक के रहीमपुर के प्राथमिक विद्यालय का है. इस विद्यालय का एक 29 सेकंड का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दिखाई दे रहा है कि बारी-बारी से स्कूली बच्चे मैडम के गले से लिपटकर रो रहे हैं.

बताया जा रहा है कि स्कूल में साफ सफाई और शिक्षण कार्य सही तरीके से न होने और शिक्षकों में आपस में सामंजस्य न बनने की वजह से बेसिक शिक्षा अधिकारी ने विद्यालय की प्रधान अध्यापिका कुसुम लता गौतम को निलंबित कर दिया. निलंबन के बाद जब अध्यापिका कुसुम लता अपने घर जा रही थी, तभी इस बात की भनक स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को लग गई. स्कूल के करीब 135 बच्चे विद्यालय के गेट पर मैडम को जाने से रोकने लगे और उनके गले से लिपट लिपटकर रोने लगे.

फूट-फूटकर रोने लगे छात्र, जब टीचर जाने लगी

इसके बाद स्कूली छात्र छात्राएं और उनके परिजन जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच गए और जिलाधिकारी को विद्यालय के स्टाफ द्वारा की जा रही राजनीति के बारे में भी अवगत कराया. बताया गया कि विद्यालय की इंचार्ज कुसुम लता गौतम अच्छे तरीके से बच्चों को शिक्षा देती हैं और उनका व्यवहार बहुत अच्छा है. स्टाफ के अन्य लोग ने उन्हें राजनीति का शिकार बना कर निलंबित कर दिया. स्कूली बच्चों का कहना था कि जब तक निलंबन वापस नहीं होगा. तब तक वह स्कूल पढ़ने नहीं जाएंगे, उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

teacher suspended

बच्चों ने डीएम से जाकर कही ऐसी बात

स्कूली छात्रों का कहना था कि विद्यालय की इंचार्ज कुसुम लता गौतम ने जब स्टाफ की मनमानी नहीं चलने दी और शिक्षण कार्य व साफ सफाई पर जोर दिया तो वह राजनीति का शिकार हो गई और उनको निलंबित कर दिया. अब उनका निलंबन वापस होना चाहिए या फिर विद्यालय के अन्य सभी टीचरों को वहां से ट्रांसफर कर देना चाहिए. अब जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, लोग उसे देखकर भावुक हो रहे हैं. टीचर के व्यवहार और कर्तव्य निष्ठा जो मासूम बच्चों के प्रति है उसकी सराहना कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि इस तरह के अध्यापक बहुत कम मिलते हैं, जो मासूम बच्चों को शिक्षा के साथ उनका हृदय भी जीते हैं.

रिपोर्ट: कन्हैया लाल शर्मा

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