69000 Shikshak Bharti Case: 69 हजार शिक्षक भर्ती प्रकरण में उलझे हजारों अभ्यर्थी, कुछ हुए आरक्षण घोटाले के शिकार

69000 Shikshak Bharti Case: 69 हजार शिक्षक भर्ती प्रकरण में उलझे हजारों अभ्यर्थी, कुछ हुए आरक्षण घोटाले के शिकार
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जागरण संवाददाता, लखनऊ। प्राथमिक विद्यालयों में 69 हजार शिक्षक भर्ती के मामले में नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलित हैं। शिक्षक भर्ती परीक्षा में एक प्रश्न गलत पाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर 2022 को एक अंक बढ़ाते हुए मेरिट जारी करके नियुक्ति करने का आदेश दिया था, लेकिन अभी भी नियुक्ति की आस में अभ्यर्थी धरना दे रहे हैं।
करीब 84 दिनों से इको गार्डन में धरना देकर वह आवाज उठा रहे हैं। धरने में बैठे अभ्यर्थी दुर्गेश शुक्ला, पूजा श्रीवास्तव आदि का कहना है कि विभागीय अधिकारी एक अंक मामले को भर्ती के आरक्षण विसंगति के कारण जानबूझकर रोक के रखा है।

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उधर, 69 हजार शिक्षक भर्ती में 19 हजार सीटों पर आरक्षण घोटाले का आरोप लगाते हुए आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी भी लगातार न्याय की मांग कर रहे हैं। सोमवार को आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद को ईमेल के माध्यम से न्याय की मांग की।
आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी वर्ष 2020 से न्याय पाने के लिए हाईकोर्ट में लड़ रहे हैं। पिछड़ा दलित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप और संरक्षक भास्कर सिंह का कहना है आरक्षण का मामला पिछले तीन साल से लंबित है। इसका निस्तारण नहीं हो जाता तब तक नई शिक्षक भर्ती आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी नहीं आने देंगे।