Basic Shiksha Vibhag ( बेसिक शिक्षा विभाग )

Old Pension Scheme: यूपी के कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए आई गुड न्‍यूज, जल्‍द बहाल हो सकती है पुरानी पेंशन

Old Pension Scheme: यूपी के कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए आई गुड न्‍यूज, जल्‍द बहाल हो सकती है पुरानी पेंशन

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Old Pension Scheme: उत्तर प्रदेश के कई शिक्षक और कर्मचारी लंबे समय से पुरानी पेंशन की बहाली की आस लगाए बैठे थे। अब ऐसे में उन्‍हें एक उम्‍मीद किरण दिखाई दे रही है। दरअसल, 2005 में भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी, लेकिन उस समय किन्‍हीं कारणों से शिक्षकों को तैनाती मिलने में वक्‍त लग गया।

Old Pension Scheme

केंद्र की तरह ही बहुत से कर्मचारी अपनी पुरानी पेंशन की मांग कर रहे थे और उन्‍होंने इस मांग को लेकर कोर्ट से भी गुहार लगाई। हालांकि अब ऐसे कर्मचारियों की मेहनत रंग लाने लगी है और जल्‍द ही उन्‍हें उनके सब्र का फल भी मिलने वाला है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि बहुत से विभागों ने ऐसे कर्मचारियों की डिटे्स मंगानी शुरू कर दी है।

कोर्ट का फैसला

बता दें कि, एक अप्रैल 2004 से केंद्र सरकार द्वारा नई पेंशन स्कीम लागू की गई थी लेकिन तत्‍कालीन यूपी सरकार ने स्‍कीम को एक अप्रैल 2005 से लागू किया था। वहीं, बहुत से केंद्रीय कर्मचारियों ने हाल ही में पुरानी पेंशन से जुड़ा मुद्दा उठाया। लेखपालों ने भी इसी प्रकार के मामले में एक याचिका दायर की थी। हालांकि लेखपालों की भर्ती का विज्ञापन वर्ष 1999 में निकला था लेकिन उनको तैनाती मिलने में चार से पांच साल का समय लग गया था। फिलहाल अब कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया है और कुछ अन्‍य शिक्षकों ने भी कोर्ट का रुख किया है।

जुटाई जा रही डिटेल्‍स

कोर्ट के फैसले को देखते हुए बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग ने उन सभी शिक्षकों और कर्मचारियों की डिटेल्‍स मंगानी और जुटाना शुरू कर दिया है। वहीं, बेसिक शिक्षा निदेशक ने सभी बीएसए को पत्र लिखकर कर्मचारियों के दूसरे विवरण के विज्ञापन व उनकी तैनाती की तारीख से जुड़ी जानकारी मांगी है। खास बात बता दें कि, माध्यमिक शिक्षा विभाग में अपर निदेशक माध्यमिक सुरेंद्र तिवारी ने पत्र भेजकर सारे विवरण तलब किए हैं।

इनकी भी सुनिए

प्राथमिक शिक्षक संघ प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने इस पहल को सही बताया है। लेकिन उनका कहना है कि, इसमें विशिष्ट बीटीसी वालों को छोड़कर डिटेल मांगी जा रही है ये नहीं होना चाहिए। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के अध्यक्ष राम मूरत यादव ने ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है।

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