छात्र-छात्राओं ने रचा नया इतिहास, जिसकी धमक पहुंची बेसिक शिक्षा निदेशालय लखनऊ तक । फ़िल्म बालसेना का होली गीत लॉंच । देखें गीत ।Students created new history, whose threat reached to Directorate of Basic Education, Lucknow Holi song launch of movie Balasena. view song
छात्र-छात्राओं ने रचा नया इतिहास, जिसकी धमक पहुंची बेसिक शिक्षा निदेशालय लखनऊ तक । फ़िल्म बालसेना का होली गीत देखें ।
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जौनपुर। प्राथमिक विद्यालयो के बच्चे और शिक्षको ने इस होली पर शिक्षा का नया रंग लेकर आये है। इस रंग में पुरानी परम्परा,गवई परिवेश , शिक्षा,संस्कार और हिन्दू मुस्लिम एकता का मिश्रण है। सिकरारा ब्लाक के बेसिक स्कूलों पढ़ने वाले ये नन्हे मुन्ने छात्र-छात्राएं बेसिक विभाग का नया इतिहास रचने जा रहे है।
शिक्षक, शिक्षकाओं के नेतृत्व में बच्चों ने होली पर्व पर एक फगुआ गीत का एलमब बनाया है। इस एलबम का लोकापर्ण आज लखनऊ में सहायक शिक्षा निदेशक ने किया। आप भी इस गीत को सुनेगें तो झूमने को मजबूर हो जायेगें।
शिराज-ए-हिन्द की धरती में बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षाखण्ड- सिकरारा के बच्चों, शिक्षकों व अभिभावकों द्वारा अभिनीत बाल फ़िल्म बालसेना के लिए शिक्षकों के द्वारा गाये गए होली गीत का लोकार्पण लखनऊ में किया गया। अभी तक समाज में जो भी होली गीत हम सुनते आए हैं उनमें अश्लीलता, फूहड़ता का समावेश रहा है । होली का पर्व सामाजिक समरसता , प्रेम, सौहार्द्य को बढ़ाने वाला होना चाहिए परंतु विडंबना ये है कि हमारे गीत दो अर्थी संदेश देकर अपना स्तर खोते जा रहे हैं। यह देखते हुए बेसिक के शिक्षकों ने खुद ही इसका जिम्मा उठाया और एक होली का सुंदर गीत समाज के सामने प्रस्तुत कर दिया है जिसका मुखड़ा है: होली के शुभ दिन आये हो भैया।
बेसिक शिक्षा निदेशालय लखनऊ के सहायक निदेशक अब्दुल मुबीन द्वारा होली गीत का लोकार्पण किया गया और इस पहल को सराहते हुए उन्होंने कहा बेसिक का शिक्षक बच्चों के बीच रहकर उनकी मनोभावनाओं को पूर्णतया समझ चुके होते हैं। हमारे शिक्षक ही बच्चों के शैक्षिक संवर्धन के लिए सही कार्य कर सकते हैं। वह चाहे किसी गीत अथवा फ़िल्म के माध्यम को चुनते हों। खेल अथवा यात्रा को ज्ञान का माध्यम चुनते हों। बेसिक शिक्षकों में अपार चिंतनशक्ति है जिसका सही प्रयोग होना आवश्यक है। हमारा शिक्षक अपने कर्तव्यों के प्रति आज बहुत जागरूक है। जब शिक्षा चिंतन का रूप लेती है तो वह सही दिशा में काम करने लगती है। किसी भी बच्चे के जीवन को एक सुंदर रूप देने के लिए उसका बचपन बहुत ही सुदृढ़ होना चाहिए । गीत हों या खेल हों हमेशा बच्चों की शिक्षा के संवर्धन का काम करें।
इस अवसर पर फ़िल्म के निर्देशक शिवम सिंह, राकेश सिंह, प्रेम चंद्र तिवारी, रमेश यादव सागर व मंसूर अहमद उपस्थित रहे।
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पोस्ट क्रेडिट :- सिराज ए हिन्द वेबसाइट