लाख कवायदों के बाद भी 440 शिक्षक स्कूलों से इतर सम्बद्धसम्बद्धीकरण खत्म करते हुए महानिदेशक ने मांगा प्रमाणपत्र

लाख कवायदों के बाद भी 440 शिक्षक स्कूलों से इतर सम्बद्धसम्बद्धीकरण खत्म करते हुए महानिदेशक ने मांगा प्रमाणपत्र
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लाख सख्ती के बाद भी बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के शिक्षकों के सम्बद्धीकरण का खेल नहीं रुक रहा है। अभियान चलाने के बाद भी प्रदेश के 440 शिक्षक अपने मूल स्कूलों से इतर संबद्ध हैं जबकि इन जिलों में कई एकल या शिक्षक विहीन स्कूल है।

School teachers attachment
महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरन आनंद ने ऐसे 19 जिलों से बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि संबद्धीकरण एक हफ्ते के भीतर खत्म कर प्रमाणपत्र दे। इससे स्कूलों में बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ रहा है।
उन्होंने कहा है कि बेसिक शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से प्राप्त सूचनाओं में सामने आया है कि ये 440 शिक्षक अपने मूल विद्यालय से अन्यत्र किसी अन्य विद्यालय / संस्थान / कार्यालय में संबद्ध है। यह स्थिति अत्यंत खेदजनक है। शिक्षकों को अपने मूल विद्यालय से इतर संबद्ध होने से जहां एक और विभाग की प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
उन्होंने कहा है कि इस संबंध में स्पष्ट किया जाए कि इन जिलों में 69000 / 68500 शिक्षक भर्ती व अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण के माध्यम से कितनी नियुक्तियां / पदस्थापन किया गया है? और इन शिक्षकों की तैनाती शिक्षक विहीन विद्यालयों में क्यों नहीं की गई है? इन नवीन नियुक्त अध्यापकों को जिन विद्यालयों में तैनात किया गया है? उनका नाम छात्र संख्या, पूर्व से तैनात अध्यापकों की संख्या का विवरण उपलब्ध कराया जाएं।
फिरोजाबाद, मैनपुरी, कासगंज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, बस्ती, सिद्धार्थनगर, हमीरपुर, बाराबंकी, गोरखपुर, फर्रुखाबाद, लखीमपुर खीरी, बागपत, मिरजापुर, सोनभद्र, मुरादाबाद, रामपुर, वाराणसी व कौशाम्बी जिलों में शिक्षकों को संबद्ध किया गया है जबकि यहां कई स्कूल शिक्षक विहीन है। सोनभद्र में 50, लखीमपुर खीरी में 49 और सिद्धार्थनगर में 39 शिक्षक सम्बद्ध किए गए हैं।
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